आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ हनुमान गायत्री मंत्र का अर्थ और महत्व जन के काज विलम्ब न कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै। Present your heartfelt thanks for the opportunity to join together with his https://caidenurcmj.blogprodesign.com/54301619/not-known-facts-about-hanuman-chalisa